जब निगरानी नहीं हो रही तो कैसे रुकेंगे अपराध ; सीसीटीवी बने हैं शोपीस

चंद्रपुर : जिले की औद्योगिक नगरी घुग्घुस इनदिनों अपहरण तथा सेंधमारी, शराब तस्करी का मुख्य केंद्र बना हुआ है और पुलिस कार्यप्रणाली व सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह निर्माण हो रहा है।

शहर के बीचोंबीच से होकर गुजरने वाले अतिव्यस्त राज्य महामार्ग पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से बस स्टैंड व गुरुद्वारा के सामने और बैंक ऑफ इंडिया तथा गांधी चौक में कुल मिलाकर चार जगहों पर शहर से होकर गुजरने वाले प्रत्येक व्यक्ति व वाहनों पर कड़ी नजर रखने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा हाईडेफिनेशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की नियंत्रण व निगरानी पुलिस थाने में हैं।

बताया जाता हैं कि जब बिजली गुल हो जाती व तकनीकी खराबी के चलते इन कैमरों में से कुछ शुरू तो कुछ बंद रहते हैं।

यह शहर यवतमाल जिले से सटा हुआ होने से पुलिस थाने के सिमा वर्धा नदी के बेलोरा पुलिया के चेक पॉइंट पर भी सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं इनका नियंत्रण पुलिस मुख्यालय से होता हैं और वणी तहसील के शराब के दुकानों से शराब की तस्करी जारी है। लेकिन शहर के बड़े तस्करों पर कभी कोई कार्रवाई होते हुए नज़र नहीं आया। जबकि वह सभी सीसीटीवी कैमरों के सामने से ही गुजरते हैं लेकिन कैमरों में कैद नहीं हुए…!

ज्ञात हो की वगत वर्ष 2020 के 3 नवंबर को शहर के 7 वर्षीय वीर का अपहरण हुआ था तब भी मुख्य मार्ग की कॅमेरे बंद थे।

विगत माह 17 जनवरी को शहर के रामनगर निवासी दिलीप फुटने के पुत्र इंजिनीरिंग छात्र शुभम का अपहरण होकर अब 24 दिन बीत गए लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग लग नहीं पाया हैं और शनिवार 6 फरवरी की देररात में बैंक ऑफ इंडिया के सामने श्री बालाजी ज्वेलरी शॉप में तीन अज्ञत नकाबपोशों ने यहीं चौक में लगे सीसीटीवी कैमरों के सामने खुलेआम चोरी कर भाग गए। वहीं दूसरी ओर दिनदहाड़े साई नगर निवासी जंगम के घर से 17 तोला सोना व 30 तोला चांदी पर चोरों ने हाथ साफ किए लेकिन अब भी तक वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े।

बता दें कि, शहर के चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और थाने में पुलिस अधिकारी व बल की भी कोई कमी नहीं है फ़िर भी शहर में अपराध दीन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं।

इनदिनों शहर के नागरिकों का पुलिस पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि शहर में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने में असमर्थ साबित हो रही हैं।

शहर का सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरे
सिर्फ़ शोपीस बने हुए हैं ?

अब तो शहर ग्रामपंचत के दर्जे से नगरपरिषद बन गया है लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नज़र नहीं आया इससे शहरवासियों में स्थानीय पुलिस प्रशासन पर रोष व्याप्त है।



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